# Drones
=>हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन
★पहली बार होगा जब भारतीय सेना लड़ाकू ड्रोन्स से लैस होगी. ★ इजरायल से भारत को गाइडेड मिसाइलों से लैस 10 हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन की डिलीवरी शुरू होने वाली है.
परिप्रेक्ष्य :-
★ भारत के रक्षा मंत्रालय ने साल 2015 में इजरायल के साथ हेरॉन-टीपी ड्रोन की डील को मंजूरी दी थी. इजरायल ने फरवरी 2015 में बंगलुरु के एयरो इंडिया शो में हेरॉन टीपी ड्रोन का प्रदर्शन किया था.
★ जिसके बाद 11 सितंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय ने इजराइल से 400 मिलियन डॉलर में 10 मिसाइल-सशस्त्र ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी.
★पिछले साल जब भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण शासन यानी MTCR का सदस्य बना तो इजरायल से लड़ाकू ड्रोन की खरीद का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया था, अब इंजरायल की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज भारत के लिए हेरॉन-टीपी ड्रोन बना रही है. और जल्द ही भारत को उसके पहले लड़ाकू ड्रोन मिल जाएंगे.
=>पूरी तरह ऑटोमैटिक हैं ड्रोन
★ भारत के लिए मेड इन इजरायल लड़ाकू ड्रोन एक गेमचेंजर माने जा रहे हैं. जिनकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन हवा से जमीन पर टारगेट तबाह करने वाली मिसाइलों से लैस होंगे.
★ हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन्स पूरी तरह ऑटोमेटिक हैं, जिसे कंट्रोल रूम में बैठकर सिर्फ एक शख्स ऑपरेट कर सकता है.
★हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन्स एक टन से ज्यादा भारी विस्फोटक लेकर 45 हजार फीट तक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं.
=>आतंकवाद के खिलाफ मिलेगी सबसे बड़ी ताकत
★ इजरायल से मिलने वाले ये लड़ाकू ड्रोन्स आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में भारतीय सेना के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे.
★ बिलकुल वैसे ही होंगे जैसे अमेरिकन प्रिडेटर और रीपर ड्रोन्स अफगानिस्तान-पाकिस्तान और इराक में आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूद कर देते हैं.
★ये ड्रोन अभी अफगानिस्तान और इराक में आतंकी ठिकानों पर अटैक के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं.
★लड़ाकू ड्रोन हेरॉन पहले अपने टारगेट को खोजता है. फिर अपना टारगेट सेट करता है. और फिर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से टारगेट को तबाह कर देता है.
★ मेड इन इजरायल हेरॉन-टीपी ड्रोन 2004 से इस्तेमाल में हैं. जिनका इस्तेमाल इजरायल की सेना अपने दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने के लिए करती आई है.
=>हेरॉन ड्रोन की खास बात
1.ये किसी भी मौसम में आसानी से अपने मिशन को अंजाम दे सकता है.
2. करीब 30 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है.
3. 40 हजार फीट तक की ऊंचाई से जमीन पर टारगेट भेद सकता है.
4. एक टन से ज्यादा विस्फोटक पेलोड लेकर उड़ान भर सकता है. 5. 370 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ते हुए अटैक कर सकता है.
6. 7400 किलोमीटर की रेंज में अचूक निशाना लगा सकता है.
7. सिर्फ इतना ही नहीं इजरायल के हेरॉन-टीपी ड्रोन के जरिए बड़े पैमाने पर खुफिया निगरानी भी की जा सकती है.
★ऐसे आतंकवादियों की एक लंबी लिस्ट है जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सीरिया में अमेरिका-रूस और इजरायल के लड़ाकू ड्रोन्स के जरिए ठिकाने लगाए जा चुके हैं. जानकार कहते हैं कि हेरॉन ड्रोन के जरिये पीओके में आतंकी कैंपों पर कार्रवाई करना बेहद आसान होगा.
★भारत अभी भी निगरानी ड्रोन्स के जरिये पीओके के आतंकी कैंपों पर नजर रखता है. लेकिन लड़ाकू ड्रोन से पीओके के आतंकी कैंपों को देखते ही उन्हें तबाह करने की ताकत मिलेगी
=>हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन
★पहली बार होगा जब भारतीय सेना लड़ाकू ड्रोन्स से लैस होगी. ★ इजरायल से भारत को गाइडेड मिसाइलों से लैस 10 हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन की डिलीवरी शुरू होने वाली है.
परिप्रेक्ष्य :-
★ भारत के रक्षा मंत्रालय ने साल 2015 में इजरायल के साथ हेरॉन-टीपी ड्रोन की डील को मंजूरी दी थी. इजरायल ने फरवरी 2015 में बंगलुरु के एयरो इंडिया शो में हेरॉन टीपी ड्रोन का प्रदर्शन किया था.
★ जिसके बाद 11 सितंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय ने इजराइल से 400 मिलियन डॉलर में 10 मिसाइल-सशस्त्र ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी.
★पिछले साल जब भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण शासन यानी MTCR का सदस्य बना तो इजरायल से लड़ाकू ड्रोन की खरीद का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया था, अब इंजरायल की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज भारत के लिए हेरॉन-टीपी ड्रोन बना रही है. और जल्द ही भारत को उसके पहले लड़ाकू ड्रोन मिल जाएंगे.
=>पूरी तरह ऑटोमैटिक हैं ड्रोन
★ भारत के लिए मेड इन इजरायल लड़ाकू ड्रोन एक गेमचेंजर माने जा रहे हैं. जिनकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन हवा से जमीन पर टारगेट तबाह करने वाली मिसाइलों से लैस होंगे.
★ हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन्स पूरी तरह ऑटोमेटिक हैं, जिसे कंट्रोल रूम में बैठकर सिर्फ एक शख्स ऑपरेट कर सकता है.
★हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन्स एक टन से ज्यादा भारी विस्फोटक लेकर 45 हजार फीट तक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं.
=>आतंकवाद के खिलाफ मिलेगी सबसे बड़ी ताकत
★ इजरायल से मिलने वाले ये लड़ाकू ड्रोन्स आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में भारतीय सेना के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे.
★ बिलकुल वैसे ही होंगे जैसे अमेरिकन प्रिडेटर और रीपर ड्रोन्स अफगानिस्तान-पाकिस्तान और इराक में आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूद कर देते हैं.
★ये ड्रोन अभी अफगानिस्तान और इराक में आतंकी ठिकानों पर अटैक के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं.
★लड़ाकू ड्रोन हेरॉन पहले अपने टारगेट को खोजता है. फिर अपना टारगेट सेट करता है. और फिर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से टारगेट को तबाह कर देता है.
★ मेड इन इजरायल हेरॉन-टीपी ड्रोन 2004 से इस्तेमाल में हैं. जिनका इस्तेमाल इजरायल की सेना अपने दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने के लिए करती आई है.
=>हेरॉन ड्रोन की खास बात
1.ये किसी भी मौसम में आसानी से अपने मिशन को अंजाम दे सकता है.
2. करीब 30 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है.
3. 40 हजार फीट तक की ऊंचाई से जमीन पर टारगेट भेद सकता है.
4. एक टन से ज्यादा विस्फोटक पेलोड लेकर उड़ान भर सकता है. 5. 370 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ते हुए अटैक कर सकता है.
6. 7400 किलोमीटर की रेंज में अचूक निशाना लगा सकता है.
7. सिर्फ इतना ही नहीं इजरायल के हेरॉन-टीपी ड्रोन के जरिए बड़े पैमाने पर खुफिया निगरानी भी की जा सकती है.
★ऐसे आतंकवादियों की एक लंबी लिस्ट है जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सीरिया में अमेरिका-रूस और इजरायल के लड़ाकू ड्रोन्स के जरिए ठिकाने लगाए जा चुके हैं. जानकार कहते हैं कि हेरॉन ड्रोन के जरिये पीओके में आतंकी कैंपों पर कार्रवाई करना बेहद आसान होगा.
★भारत अभी भी निगरानी ड्रोन्स के जरिये पीओके के आतंकी कैंपों पर नजर रखता है. लेकिन लड़ाकू ड्रोन से पीओके के आतंकी कैंपों को देखते ही उन्हें तबाह करने की ताकत मिलेगी
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