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20 June 2017(Tuesday)
1.फ्रांस : संसद में मैक्रॉन को भारी बहुमत : ले पेन चुनी गई लेकिन पार्टी हुई कमजोर
• फ्रांस की धुर-दक्षिणपंथी नेता मरिन ले पेन ने पहली बार संसद में एक सीट पर जीत दर्ज की है लेकिन उनकी इस जीत का स्वाद कड़वा रहा क्योंकि इस जीत में उनकी नेशनल फ्रंट (एफएन) पार्टी की पराजय छुपी है। 48 वर्षीय ताकतवर नेता मई में हुए राष्ट्रपति पद चुनाव के निर्णायक दौर में मैक्रॉन से 20 प्वाइंट के अंतर से हार गई थीं।
• उन्होंने घोषणा की कि उन्होंने पूर्व खनन शहर एवं उनके गढ़ रहे उत्तरी हेनिन-ब्यूमाउंट में बेहद करीब से जीत दर्ज की है। लेकिन उनकी यूरोपीय संघ एवं आव्रजन विरोधी एफएन पार्टी लोकप्रियता की उस लहर को भुनाने में नाकाम रही जिस पर सवार होकर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति का पद हासिल करने में कामयाब हुए हैं।
• 577 सदस्यीय नेशनल असेंबली में ले पेन की पार्टी ने आठ सीटें जीतीं, जिसने मैकें की रिपब्लिक ऑन द मूव (आरईएम) पार्टी की मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरने की उनकी एकमात्र उम्मीद को भी धराशायी कर दिया।
• फ्रांस के संसदीय चुनावों में मौजूदा राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रॉन की पार्टी लॉ रिपब्लिक एन मार्श और सहयोगी डेमोक्रेटिक मूवमेंट पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है।मध्यमार्गी मैक्रोन इसी साल मई में हुए राष्ट्रपति चुनावों में देश के पहले युवा राष्ट्रपति चुने गए थे।
• उन्हें 66.06 प्रतिशत मत हासिल हुआ था। मैक्रॉन की पार्टी साल भर पहले ही अस्तित्व में आई थी और इसके कई सदस्यों ने पहले किसी सरकारी पद पर काम नहीं किया था। तीन मतदान सव्रेक्षणों में मैक्रॉन की रिपब्लिक एन मार्श और उसके सहयोगी दल 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली में 355 से 365 सीटें जीतते हुए दिखाई दे रहे हैं।
• इससे पहले ऐसे अनुमान लगाये गये थे कि विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कंज्रेवेटिव रिपब्लिक और उसके सहयोगी दलों को 125 से 131 जबकि सोशलिस्ट पार्टी और उसके घटक दलों को 41 से 49 सीटें मिल सकती है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष कैथरीन बार्बाडू ने कहा है कि देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास अब साफ तौर पर नेशनल असेंबली में बहुमत है और अब फ्रांस के लोगों से मैक्रॉन ने जो वायदे किए थे वह उन्हें पूरा कर सकेंगे।
2. रामनाथ कोविंद राजग के राष्ट्रपति उम्मीदवार
• केआर नारायणन के बाद देश को दूसरा दलित राष्ट्रपति मिलने जा रहा है। भाजपा ने सबको चौंकाते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए राजग का उम्मीदवार बनाने का एलान किया है। दो बार राज्यसभा सदस्य रहे कोविंद भाजपा के अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
• सोमवार को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया। इसकी घोषणा खुद शाह ने की। कोविंद की योग्यता का हवाला देते हुए शाह यह बताने से नहीं चूके कि वह गरीब दलित परिवार से आते हैं।
• राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के बाद मोदी ने ट्विटर पर भी उन्हें बधाई दी। जवाब में कोविंद ने कहा कि धन्यवाद आपका जो आपने एक दलित चेहरे को सबसे ऊंचा पद सौंपा है। 1नरमपंथी दलित चेहरे को पेश कर भाजपा ने विपक्षी धड़े में दोफाड़ का बीज बो दिया है।
• राजनीतिक विवशता के कारण विपक्षी दल तत्काल समर्थन की घोषणा से भले ही बच रहे हों, लेकिन कई दलों के लिए पीछे हटना मुश्किल होगा। उत्तर प्रदेश से आने वाले कोविंद का विरोध मायावती को कितना महंगा पड़ेगा यह किसी से नहीं छिपा है। सपा भी मात्र विपक्षी गोलबंदी के लिए प्रदेश से आनेवाले चेहरे का विरोध करने का जोखिम नहीं उठाएगी।
• दूसरे राज्यों में भी ऐसी स्थिति बनेगी। यही कारण है कि कोविंद के नाम का एलान होते ही अन्नाद्रमुक , टीआरएस और बीजद ने उनके समर्थन की घोषणा कर दी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी व्यक्तिगत रूप से इसका स्वागत किया है।
• चुने गए तो देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे कोविंद
• मोदी, शाह, बादल और नायडू की ओर से पेश होगा प्रस्तावमैं एक सामान्य नागरिक हूं, जिसे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। अब मैं सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं से मिलूंगा और उनसे चुनाव में समर्थन देने का अनुरोध करूंगा। मुझे उम्मीद है कि देश का हर नागरिक मेरा समर्थन करेगा।
3. अब भारत में भी बनेगा एफ-16 लड़ाकू विमान
• लड़ाकू विमान एफ-16 अब भारत में भी बनेगा। लॉकहीड मार्टिन और टाटा की कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम ने इस संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय वायुसेना को सोवियत के समय की फ्लीट को बदलने के लिए सैकड़ों विमानों की जरूरत है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि इन विमानों को स्थानीय साङोदार के साथ मिलकर भारत में बनाना होगा।
• पेरिस एयरशो में सोमवार को करार का एलान करते हुए दोनों कंपनियों ने कहा कि भारत में उत्पादन शुरू करने के बावजूद अमेरिका में नौकरियां बनी रहेंगी।
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में रोजगार सृजन अभियान के चलते इस पहल को लेकर आशंका थी। स्वीडन की कंपनी साब भी भारतीय वायुसेना को विमान आपूर्ति करने की दौड़ में है। कंपनी ने भारत में ग्रिपेन फाइटर बनाने का प्रस्ताव भी दिया है। कंपनी ने अभी भारत में किसी साझेदार का एलान नहीं किया है।
• टाटा और लॉकहीड का समझौता मोदी की अमेरिका की यात्र से ठीक पहले हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी 26 जून को राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात करेंगे। हाल के वर्षो में भारत और अमेरिका ने करीबी रक्षा संबंध बनाए है। भारत को हथियारों की आपूर्ति करने वाले शीर्ष तीन देशों में अमेरिका शामिल है।
• अन्य देश रूस और इजरायल हैं। भारत में बनने वाले एफ-16 विमान के निर्यात होने की भी उम्मीद है। 26 देशों में 3200 एफ-16 विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
• भारत में एफ-16 का अब तक का सबसे आधुनिक मॉडल ब्लॉक 70 बनेगा। टाटा ग्रुप पहले से ही सैन्य मालवाहक विमान सी-130 के लिए एयर फ्रेम कंपोनेंट बना रहा है।
• भारत ने अभी तक जेट के ऑर्डर की औपचारिक बोलियां नहीं मंगाई है। भारत कम से कम 100 से 250 विमान खरीद सकता है।
4. अफगानिस्तान और भारत के बीच बना एयर फ्रेट कॉरीडोर का रिश्ता
• काबुल से आए मालवाहक जहाज के सोमवार को नई दिल्ली में उतरने के साथ ही अफगानिस्तान और भारत के बीच एयर फ्रेट कॉरीडोर स्थापित हो गया। इसकी स्थापना से न सिर्फ दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे बल्कि चारों ओर जमीन से घिरे अफगानिस्तान की भारतीय बाजार में पहुंच बेहतर हो सकेगी। इससे अफगानी किसानों को भी काफी लाभ होगा क्योंकि उनकी नकदी फसलों को तुरंत भारतीय बाजार उपलब्ध हो सकेगा।
• अफगानिस्तान में इस विमान को राष्ट्रपति अशरफ घानी ने कई कैबिनेट मंत्रियों और अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत मनप्रीत वोहरा की उपस्थिति में झंडी दिखाकर रवाना किया। दिल्ली में विमान की अगवानी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, नागरिक उड्डयन मंत्री गजपति राजू, विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर और भारत में अफगानी राजदूत शाइदा अब्दाली ने की।
• विमान में लाए गए करीब 60 टन सामान में अधिकांश हींग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं इस पहल के लिए राष्ट्रपति अशरफ घानी को धन्यवाद देता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत और अफगानिस्तान के बीच सीधा (एयर फ्रेट) संपर्क समृद्धि लाएगा।’
• बता दें कि दोनों देशों के बीच एयर फ्रेट कॉरीडोर की स्थापना का फैसला सितंबर, 2016 में भारत यात्र के दौरान अफगानी राष्ट्रपति अशरफ घानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया था। इस दौरान घानी ने भारत और अफगान उद्योग जगत से अगले पांच वर्षो में 10 अरब अमेरिकी डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने का अनुरोध किया था।
• वर्तमान में अफगानिस्तान और भारत के बीच प्रतिदिन चार से पांच विमान उड़ान भरते हैं जिनमें करीब 1,000 अफगानी भारत के विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आते हैं।
5. जर्मनी व सार्क संग स्टार्ट अप पर सहयोग की तैयारी
• भारत में स्टार्ट अप के माहौल को बेहतर बनाने की खातिर सरकार जर्मनी और सार्क देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के उपायों पर विचार कर रही है। इसके तहत स्टार्ट अप के बीच दोतरफा आदान-प्रदान पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए सार्क देशों और भारत के स्टार्ट अप का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
• वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को स्टार्ट अप इंडिया हब पोर्टल को लांच करने के दौरान यह जानकारी दी। निर्मला ने कहा कि इसके लिए स्टार्ट अप खुद राय दें कि इन देशों के किन लोगों को सम्मेलन के लिए बुलाना है।
• वाणिज्य मंत्री के मुताबिक सार्क देशों का स्टार्ट अप समिट आयोजित होने से दक्षिण एशियाई देशों के स्टार्ट अप को फायदा होगा। जहां तक जर्मनी के स्टार्ट अप के साथ विचारों का आदान-प्रदान का सवाल है तो यह काम दोनों देशों के बीच मौजूदा व्यवस्था के तहत होगा।
• स्टार्ट अप इंडिया हब लांच : नए उद्यमियों की मदद के लिए सरकार ने स्टार्ट अप इंडिया हब लांच किया है। वित्त मंत्रलय के तहत काम करने वाले इस हब पर उनको फंडिंग, नेटवर्किंग व इनक्यूबेटर्स से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी। देश का कोई कोई भी स्टार्ट अप हब पर जाकर रजिस्टर कर सकता है। यह हब इन्वेस्ट इंडिया के तहत आएगा।
• यह सरकार की निवेश इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन व फैसिलिटेशन एजेंसी है। इसका एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी, 2016 को किया था।
• इसका मकसद स्टार्ट अप की मदद के लिए संसाधन तैयार करना है। इसमें उनके लिए फंडिंग, टैक्स का कम भार और सही इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल होगा। कार्यकम में सीतारमण ने कहा कि सरकार स्टार्ट अप के लिए बेहतर माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। इस पर पूरे समय बातचीत होनी चाहिए, ताकि सरकार हर चरण पर मदद के लिए तैयार हो।
• इसके अलावा आइडिया लाने और सफलता पाने के समय को भी कम किया जा रहा है। सरकार को भरोसा है कि इस हब के जरिये भारत में स्टार्ट अप एक दूसरे से जुड़ेंगे। इसमें निवेशक, इनक्यूबेटर, सरकारी संस्था और मेंटर शामिल होंगे। इससे बेहतर कारोबारी माहौल पैदा होगा।
• 12,000 करोड़ के फंड को मंजूरी जल्द : औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि स्टार्ट अप के लिए 2,000 करोड़ रुपये के फंड के गठन को अगले महीने तक कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
6. ग्रामीण क्षेत्र की मांग में तेजी आने के संकेत
• निम्न मुद्रास्फीति दबाव के बीच इस बार मानसून का अच्छा रहना ग्रामीण मांग में तेजी आने और दो अगस्त को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती का संकेत है।बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) के अनुसार उम्मीद है कि मानसून अच्छा रहने से दो अगस्त को आरबीआई द्वारा नीतिगत दर में 0.25 फीसद की कटौती हो सकती है और जून में उपभोक्ता मुद्रास्फीति खाद्य पदार्थ के दाम गिरने से दो फीसद के नीचे जा सकता है।
• उसकी रिपोर्ट के अनुसार मध्य जून तक वष्ा सामान्य से 10 फीसद से अधिक रही जिससे खरीफ बुवाई पिछले साल की तुलना में छह फीसद बढ़ गई। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘2019 के चुनाव से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, कृषि ऋण की माफी ओर ब्याज दर में सब्सिडी दिए जाने के साथ ही इस बार अच्छी वर्षा होने से ग्रामीण मांग में तेजी आनी चाहिए ।
• इस बड़ी वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी ने कहा कि यदि वर्षा वाकई सामान्य रही तो खुदरा मुद्रास्फीति इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में औसतन तीन फीसद होगी।
• ‘उसने कहा, रोजाना के आंकड़े बताते हैं कि जून में खाद्य मुद्रास्फीति अच्छी रबी फसल के चलते तेजी से गिर रही है। इससे जून में मुद्रास्फीति मई के 2.2 फीसद से घटकर दो फीसद के नीचे आ जाएगी।
7. पीएमओ ने फंसे कर्ज को लेकर मांगी कैफियत
• फंसे कर्ज के मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की नजर है। पीएमओ ने समस्या के समाधान को लेकर रिजर्व बैंक की ओर से हाल ही में उठाए गए कदमों के बाद इस मामले में प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री के अतिरिक्त सचिव पीके मिश्र की ओर से सोमवार को बुलाई गई बैठक में वित्त मंत्रलय और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलयों के अफसर मौजूद थे।
• इनमें कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलय के सचिव तपन रे और वित्तीय सेवा सचिव अंजुलि चिब दुग्गल का नाम प्रमुख है। तपन आर्थिक मामलों के भी सचिव हैं। सूत्रों ने कहा कि इसमें बढ़ते फंसे कर्जो (एनपीए) से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर पूछताछ की गई।
• बैंकिंग क्षेत्र आठ लाख करोड़ रुपये के भारी-भरकम एनपीए से जूझ रहा है। इसमें छह लाख करोड़ रुपये का फंसा कर्ज सरकारी बैंकों का है। चर्चा के दौरान समस्या के समाधान को संस्थागत तंत्र की तैयारी का मसला भी उठा। नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) भी इसी तंत्र का हिस्सा है।
• माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक एनपीए की समस्या पर काबू पाने के लिए कुछ और कदम उठाएगा। इसके तहत उसकी ओर से फंसे कर्जो को स्वीकार्य स्तर पर लाने के लिए समयसीमा तय की जा सकती है।
• पिछले हफ्ते ही रिजर्व बैंक ने ऐसे 12 खातों की पहचान की थी, जिनके खिलाफ इनसॉल्वेंसी व बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) के तहत तुरंत दिवालिया कार्रवाई शुरू करने की बात कही गई थी। इन 12 कंपनियों पर दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है।
• यह राशि कुल एनपीए की एक चौथाई है। केंद्रीय बैंक पहले ही आइबीसी के तहत रिफर किए जाने वाले मामलों पर सलाह देने के लिए आंतरिक एडवाइजरी कमेटी (आइएसी) गठित कर चुका है। आइएसी ने ऐसे सभी खातेदारों को दिवालिया कार्रवाई के लिए रिफर करने की सिफारिश की है, जिन पर 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है।
• प्रधानमंत्री कार्यालय ने की संबंधित मंत्रलयों के अफसरों के साथ समीक्षा : रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ओर से चिह्नित इन 12 बड़े कर्जदारों से राशि वसूली को लेकर बैंकरों की बैठक सोमवार से शुरू हो गई।
• बैंकों ने इसमें एनसीएलटी को रिफर किए जाने से पहले अपनी कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया। फंसे कर्ज वाले छह बड़े खातों में भूषण स्टील (44,478 करोड़), एस्सार स्टील (37,284 करोड़), भूषण पावर एंड स्टील (37,248 करोड़), आलोक इंडस्ट्रीज (22,075 करोड़), एमटेक ऑटो (14,074 करोड़) और मोनेट इस्पात (12,115 करोड़) शामिल हैं।
• इस मामले में इनसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आइबीबीआइ) के चेयरमैन एमएस साहू ने सोमवार को कहा कि उनके पास 12 बड़े डिफॉल्टरों का मामला अभी तक नहीं आया है। वैसे, बैंकों को पहले एनसीएलटी में जाना होगा।
8. ग्लोबल वार्मिग से बदल रहा बारिश का मिजाज
• पर्यावरणीय लिहाज से बेहद संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में बारिश का मिजाज बदल रहा है। उत्तराखंड में भी इसे महसूस किया जाने लगा है। हालांकि, बारिश औसत के अनुरूप ही हो रही है, लेकिन इसका पहले जैसा स्वभाव अब नहीं रहा।
• मानसून सीजन की ही बात करें सतझड़ (सात दिन तक लगातार रिमङिाम बारिश) अब बीते दौर की बात हो चली है। इसकी जगह कम समय में मूसलाधार बारिश ने ले ली है। यही नहीं, कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ सरीखे हालात पैदा हो रहे हैं।
• विशेषज्ञों के मुताबिक ग्लोबल वार्मिग के असर के फलस्वरूप यह स्थिति पैदा हुई है। यदि इस दिशा में गंभीरता से प्रयास नहीं हुए तो वर्षा चक्र में बदलाव की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
• थोड़ा पीछे मुड़कर देखें तो दो दशक पहले तक मानसून सीजन में हफ्तेभर तक बारिश की झड़ी लगी रहती थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक सतझड़ के दौरान 188 घंटे की संयमित बारिश धरती को तरबतर करने के साथ ही भूजल भंडार को समृद्ध करती थी।
• धीरे-धीरे इसमें कमी आती चली गई और पिछले चार-पांच सालों के दरम्यान तो तीन दिन तक रहने वाली वर्षा की झड़ी भी गायब हो चली।
• आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो वर्षभर में उत्तराखंड में 1580.8 मिमी बारिश होती है, जिसमें मानसून सीजन (जून से सितंबर तक) का योगदान 1229.2 मिमी है। प्रतिवर्ष औसतन यह बारिश राज्य को मिल रही है, लेकिन इसके पैटर्न में बदलाव आया है। झड़ी के स्थान पर कम समय में अधिक बारिश हो रही है।
• जाहिर है, इससे दिक्कतें भी बढ़ी हैं।1इससे विशेषज्ञ भी खासे चिंतित हैं। मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह का मानना है कि वर्षा के पैटर्न में बदलाव की वजह ग्लोबल वॉर्मिग है।
• नेचुरल रिसोर्स डाटा मैनेजमेंट इन उत्तराखंड के निदेशक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो.जेएस रावत के मुताबिक जो बारिश हो रही है, उसकी तीव्रता 10 से 15 फीसद अधिक हो गई है।
• उनका कहना है इस चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक तापवृद्धि व जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों खासतौर पर मानवजनित कारकों पर अंकुश लगा प्रकृति के अनुरूप आचरण करना होगा। तभी वर्षा का बिगड़ता मिजाज संतुलित व समयबद्ध हो सकता है।
20 June 2017(Tuesday)
1.फ्रांस : संसद में मैक्रॉन को भारी बहुमत : ले पेन चुनी गई लेकिन पार्टी हुई कमजोर
• फ्रांस की धुर-दक्षिणपंथी नेता मरिन ले पेन ने पहली बार संसद में एक सीट पर जीत दर्ज की है लेकिन उनकी इस जीत का स्वाद कड़वा रहा क्योंकि इस जीत में उनकी नेशनल फ्रंट (एफएन) पार्टी की पराजय छुपी है। 48 वर्षीय ताकतवर नेता मई में हुए राष्ट्रपति पद चुनाव के निर्णायक दौर में मैक्रॉन से 20 प्वाइंट के अंतर से हार गई थीं।
• उन्होंने घोषणा की कि उन्होंने पूर्व खनन शहर एवं उनके गढ़ रहे उत्तरी हेनिन-ब्यूमाउंट में बेहद करीब से जीत दर्ज की है। लेकिन उनकी यूरोपीय संघ एवं आव्रजन विरोधी एफएन पार्टी लोकप्रियता की उस लहर को भुनाने में नाकाम रही जिस पर सवार होकर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति का पद हासिल करने में कामयाब हुए हैं।
• 577 सदस्यीय नेशनल असेंबली में ले पेन की पार्टी ने आठ सीटें जीतीं, जिसने मैकें की रिपब्लिक ऑन द मूव (आरईएम) पार्टी की मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरने की उनकी एकमात्र उम्मीद को भी धराशायी कर दिया।
• फ्रांस के संसदीय चुनावों में मौजूदा राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रॉन की पार्टी लॉ रिपब्लिक एन मार्श और सहयोगी डेमोक्रेटिक मूवमेंट पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है।मध्यमार्गी मैक्रोन इसी साल मई में हुए राष्ट्रपति चुनावों में देश के पहले युवा राष्ट्रपति चुने गए थे।
• उन्हें 66.06 प्रतिशत मत हासिल हुआ था। मैक्रॉन की पार्टी साल भर पहले ही अस्तित्व में आई थी और इसके कई सदस्यों ने पहले किसी सरकारी पद पर काम नहीं किया था। तीन मतदान सव्रेक्षणों में मैक्रॉन की रिपब्लिक एन मार्श और उसके सहयोगी दल 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली में 355 से 365 सीटें जीतते हुए दिखाई दे रहे हैं।
• इससे पहले ऐसे अनुमान लगाये गये थे कि विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कंज्रेवेटिव रिपब्लिक और उसके सहयोगी दलों को 125 से 131 जबकि सोशलिस्ट पार्टी और उसके घटक दलों को 41 से 49 सीटें मिल सकती है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष कैथरीन बार्बाडू ने कहा है कि देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास अब साफ तौर पर नेशनल असेंबली में बहुमत है और अब फ्रांस के लोगों से मैक्रॉन ने जो वायदे किए थे वह उन्हें पूरा कर सकेंगे।
2. रामनाथ कोविंद राजग के राष्ट्रपति उम्मीदवार
• केआर नारायणन के बाद देश को दूसरा दलित राष्ट्रपति मिलने जा रहा है। भाजपा ने सबको चौंकाते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए राजग का उम्मीदवार बनाने का एलान किया है। दो बार राज्यसभा सदस्य रहे कोविंद भाजपा के अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
• सोमवार को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया। इसकी घोषणा खुद शाह ने की। कोविंद की योग्यता का हवाला देते हुए शाह यह बताने से नहीं चूके कि वह गरीब दलित परिवार से आते हैं।
• राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के बाद मोदी ने ट्विटर पर भी उन्हें बधाई दी। जवाब में कोविंद ने कहा कि धन्यवाद आपका जो आपने एक दलित चेहरे को सबसे ऊंचा पद सौंपा है। 1नरमपंथी दलित चेहरे को पेश कर भाजपा ने विपक्षी धड़े में दोफाड़ का बीज बो दिया है।
• राजनीतिक विवशता के कारण विपक्षी दल तत्काल समर्थन की घोषणा से भले ही बच रहे हों, लेकिन कई दलों के लिए पीछे हटना मुश्किल होगा। उत्तर प्रदेश से आने वाले कोविंद का विरोध मायावती को कितना महंगा पड़ेगा यह किसी से नहीं छिपा है। सपा भी मात्र विपक्षी गोलबंदी के लिए प्रदेश से आनेवाले चेहरे का विरोध करने का जोखिम नहीं उठाएगी।
• दूसरे राज्यों में भी ऐसी स्थिति बनेगी। यही कारण है कि कोविंद के नाम का एलान होते ही अन्नाद्रमुक , टीआरएस और बीजद ने उनके समर्थन की घोषणा कर दी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी व्यक्तिगत रूप से इसका स्वागत किया है।
• चुने गए तो देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे कोविंद
• मोदी, शाह, बादल और नायडू की ओर से पेश होगा प्रस्तावमैं एक सामान्य नागरिक हूं, जिसे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। अब मैं सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं से मिलूंगा और उनसे चुनाव में समर्थन देने का अनुरोध करूंगा। मुझे उम्मीद है कि देश का हर नागरिक मेरा समर्थन करेगा।
3. अब भारत में भी बनेगा एफ-16 लड़ाकू विमान
• लड़ाकू विमान एफ-16 अब भारत में भी बनेगा। लॉकहीड मार्टिन और टाटा की कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम ने इस संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय वायुसेना को सोवियत के समय की फ्लीट को बदलने के लिए सैकड़ों विमानों की जरूरत है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि इन विमानों को स्थानीय साङोदार के साथ मिलकर भारत में बनाना होगा।
• पेरिस एयरशो में सोमवार को करार का एलान करते हुए दोनों कंपनियों ने कहा कि भारत में उत्पादन शुरू करने के बावजूद अमेरिका में नौकरियां बनी रहेंगी।
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में रोजगार सृजन अभियान के चलते इस पहल को लेकर आशंका थी। स्वीडन की कंपनी साब भी भारतीय वायुसेना को विमान आपूर्ति करने की दौड़ में है। कंपनी ने भारत में ग्रिपेन फाइटर बनाने का प्रस्ताव भी दिया है। कंपनी ने अभी भारत में किसी साझेदार का एलान नहीं किया है।
• टाटा और लॉकहीड का समझौता मोदी की अमेरिका की यात्र से ठीक पहले हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी 26 जून को राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात करेंगे। हाल के वर्षो में भारत और अमेरिका ने करीबी रक्षा संबंध बनाए है। भारत को हथियारों की आपूर्ति करने वाले शीर्ष तीन देशों में अमेरिका शामिल है।
• अन्य देश रूस और इजरायल हैं। भारत में बनने वाले एफ-16 विमान के निर्यात होने की भी उम्मीद है। 26 देशों में 3200 एफ-16 विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
• भारत में एफ-16 का अब तक का सबसे आधुनिक मॉडल ब्लॉक 70 बनेगा। टाटा ग्रुप पहले से ही सैन्य मालवाहक विमान सी-130 के लिए एयर फ्रेम कंपोनेंट बना रहा है।
• भारत ने अभी तक जेट के ऑर्डर की औपचारिक बोलियां नहीं मंगाई है। भारत कम से कम 100 से 250 विमान खरीद सकता है।
4. अफगानिस्तान और भारत के बीच बना एयर फ्रेट कॉरीडोर का रिश्ता
• काबुल से आए मालवाहक जहाज के सोमवार को नई दिल्ली में उतरने के साथ ही अफगानिस्तान और भारत के बीच एयर फ्रेट कॉरीडोर स्थापित हो गया। इसकी स्थापना से न सिर्फ दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे बल्कि चारों ओर जमीन से घिरे अफगानिस्तान की भारतीय बाजार में पहुंच बेहतर हो सकेगी। इससे अफगानी किसानों को भी काफी लाभ होगा क्योंकि उनकी नकदी फसलों को तुरंत भारतीय बाजार उपलब्ध हो सकेगा।
• अफगानिस्तान में इस विमान को राष्ट्रपति अशरफ घानी ने कई कैबिनेट मंत्रियों और अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत मनप्रीत वोहरा की उपस्थिति में झंडी दिखाकर रवाना किया। दिल्ली में विमान की अगवानी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, नागरिक उड्डयन मंत्री गजपति राजू, विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर और भारत में अफगानी राजदूत शाइदा अब्दाली ने की।
• विमान में लाए गए करीब 60 टन सामान में अधिकांश हींग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं इस पहल के लिए राष्ट्रपति अशरफ घानी को धन्यवाद देता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत और अफगानिस्तान के बीच सीधा (एयर फ्रेट) संपर्क समृद्धि लाएगा।’
• बता दें कि दोनों देशों के बीच एयर फ्रेट कॉरीडोर की स्थापना का फैसला सितंबर, 2016 में भारत यात्र के दौरान अफगानी राष्ट्रपति अशरफ घानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया था। इस दौरान घानी ने भारत और अफगान उद्योग जगत से अगले पांच वर्षो में 10 अरब अमेरिकी डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने का अनुरोध किया था।
• वर्तमान में अफगानिस्तान और भारत के बीच प्रतिदिन चार से पांच विमान उड़ान भरते हैं जिनमें करीब 1,000 अफगानी भारत के विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आते हैं।
5. जर्मनी व सार्क संग स्टार्ट अप पर सहयोग की तैयारी
• भारत में स्टार्ट अप के माहौल को बेहतर बनाने की खातिर सरकार जर्मनी और सार्क देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के उपायों पर विचार कर रही है। इसके तहत स्टार्ट अप के बीच दोतरफा आदान-प्रदान पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए सार्क देशों और भारत के स्टार्ट अप का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
• वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को स्टार्ट अप इंडिया हब पोर्टल को लांच करने के दौरान यह जानकारी दी। निर्मला ने कहा कि इसके लिए स्टार्ट अप खुद राय दें कि इन देशों के किन लोगों को सम्मेलन के लिए बुलाना है।
• वाणिज्य मंत्री के मुताबिक सार्क देशों का स्टार्ट अप समिट आयोजित होने से दक्षिण एशियाई देशों के स्टार्ट अप को फायदा होगा। जहां तक जर्मनी के स्टार्ट अप के साथ विचारों का आदान-प्रदान का सवाल है तो यह काम दोनों देशों के बीच मौजूदा व्यवस्था के तहत होगा।
• स्टार्ट अप इंडिया हब लांच : नए उद्यमियों की मदद के लिए सरकार ने स्टार्ट अप इंडिया हब लांच किया है। वित्त मंत्रलय के तहत काम करने वाले इस हब पर उनको फंडिंग, नेटवर्किंग व इनक्यूबेटर्स से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी। देश का कोई कोई भी स्टार्ट अप हब पर जाकर रजिस्टर कर सकता है। यह हब इन्वेस्ट इंडिया के तहत आएगा।
• यह सरकार की निवेश इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन व फैसिलिटेशन एजेंसी है। इसका एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी, 2016 को किया था।
• इसका मकसद स्टार्ट अप की मदद के लिए संसाधन तैयार करना है। इसमें उनके लिए फंडिंग, टैक्स का कम भार और सही इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल होगा। कार्यकम में सीतारमण ने कहा कि सरकार स्टार्ट अप के लिए बेहतर माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। इस पर पूरे समय बातचीत होनी चाहिए, ताकि सरकार हर चरण पर मदद के लिए तैयार हो।
• इसके अलावा आइडिया लाने और सफलता पाने के समय को भी कम किया जा रहा है। सरकार को भरोसा है कि इस हब के जरिये भारत में स्टार्ट अप एक दूसरे से जुड़ेंगे। इसमें निवेशक, इनक्यूबेटर, सरकारी संस्था और मेंटर शामिल होंगे। इससे बेहतर कारोबारी माहौल पैदा होगा।
• 12,000 करोड़ के फंड को मंजूरी जल्द : औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि स्टार्ट अप के लिए 2,000 करोड़ रुपये के फंड के गठन को अगले महीने तक कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
6. ग्रामीण क्षेत्र की मांग में तेजी आने के संकेत
• निम्न मुद्रास्फीति दबाव के बीच इस बार मानसून का अच्छा रहना ग्रामीण मांग में तेजी आने और दो अगस्त को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती का संकेत है।बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) के अनुसार उम्मीद है कि मानसून अच्छा रहने से दो अगस्त को आरबीआई द्वारा नीतिगत दर में 0.25 फीसद की कटौती हो सकती है और जून में उपभोक्ता मुद्रास्फीति खाद्य पदार्थ के दाम गिरने से दो फीसद के नीचे जा सकता है।
• उसकी रिपोर्ट के अनुसार मध्य जून तक वष्ा सामान्य से 10 फीसद से अधिक रही जिससे खरीफ बुवाई पिछले साल की तुलना में छह फीसद बढ़ गई। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘2019 के चुनाव से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, कृषि ऋण की माफी ओर ब्याज दर में सब्सिडी दिए जाने के साथ ही इस बार अच्छी वर्षा होने से ग्रामीण मांग में तेजी आनी चाहिए ।
• इस बड़ी वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी ने कहा कि यदि वर्षा वाकई सामान्य रही तो खुदरा मुद्रास्फीति इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में औसतन तीन फीसद होगी।
• ‘उसने कहा, रोजाना के आंकड़े बताते हैं कि जून में खाद्य मुद्रास्फीति अच्छी रबी फसल के चलते तेजी से गिर रही है। इससे जून में मुद्रास्फीति मई के 2.2 फीसद से घटकर दो फीसद के नीचे आ जाएगी।
7. पीएमओ ने फंसे कर्ज को लेकर मांगी कैफियत
• फंसे कर्ज के मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की नजर है। पीएमओ ने समस्या के समाधान को लेकर रिजर्व बैंक की ओर से हाल ही में उठाए गए कदमों के बाद इस मामले में प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री के अतिरिक्त सचिव पीके मिश्र की ओर से सोमवार को बुलाई गई बैठक में वित्त मंत्रलय और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलयों के अफसर मौजूद थे।
• इनमें कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलय के सचिव तपन रे और वित्तीय सेवा सचिव अंजुलि चिब दुग्गल का नाम प्रमुख है। तपन आर्थिक मामलों के भी सचिव हैं। सूत्रों ने कहा कि इसमें बढ़ते फंसे कर्जो (एनपीए) से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर पूछताछ की गई।
• बैंकिंग क्षेत्र आठ लाख करोड़ रुपये के भारी-भरकम एनपीए से जूझ रहा है। इसमें छह लाख करोड़ रुपये का फंसा कर्ज सरकारी बैंकों का है। चर्चा के दौरान समस्या के समाधान को संस्थागत तंत्र की तैयारी का मसला भी उठा। नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) भी इसी तंत्र का हिस्सा है।
• माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक एनपीए की समस्या पर काबू पाने के लिए कुछ और कदम उठाएगा। इसके तहत उसकी ओर से फंसे कर्जो को स्वीकार्य स्तर पर लाने के लिए समयसीमा तय की जा सकती है।
• पिछले हफ्ते ही रिजर्व बैंक ने ऐसे 12 खातों की पहचान की थी, जिनके खिलाफ इनसॉल्वेंसी व बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) के तहत तुरंत दिवालिया कार्रवाई शुरू करने की बात कही गई थी। इन 12 कंपनियों पर दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है।
• यह राशि कुल एनपीए की एक चौथाई है। केंद्रीय बैंक पहले ही आइबीसी के तहत रिफर किए जाने वाले मामलों पर सलाह देने के लिए आंतरिक एडवाइजरी कमेटी (आइएसी) गठित कर चुका है। आइएसी ने ऐसे सभी खातेदारों को दिवालिया कार्रवाई के लिए रिफर करने की सिफारिश की है, जिन पर 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है।
• प्रधानमंत्री कार्यालय ने की संबंधित मंत्रलयों के अफसरों के साथ समीक्षा : रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ओर से चिह्नित इन 12 बड़े कर्जदारों से राशि वसूली को लेकर बैंकरों की बैठक सोमवार से शुरू हो गई।
• बैंकों ने इसमें एनसीएलटी को रिफर किए जाने से पहले अपनी कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया। फंसे कर्ज वाले छह बड़े खातों में भूषण स्टील (44,478 करोड़), एस्सार स्टील (37,284 करोड़), भूषण पावर एंड स्टील (37,248 करोड़), आलोक इंडस्ट्रीज (22,075 करोड़), एमटेक ऑटो (14,074 करोड़) और मोनेट इस्पात (12,115 करोड़) शामिल हैं।
• इस मामले में इनसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आइबीबीआइ) के चेयरमैन एमएस साहू ने सोमवार को कहा कि उनके पास 12 बड़े डिफॉल्टरों का मामला अभी तक नहीं आया है। वैसे, बैंकों को पहले एनसीएलटी में जाना होगा।
8. ग्लोबल वार्मिग से बदल रहा बारिश का मिजाज
• पर्यावरणीय लिहाज से बेहद संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में बारिश का मिजाज बदल रहा है। उत्तराखंड में भी इसे महसूस किया जाने लगा है। हालांकि, बारिश औसत के अनुरूप ही हो रही है, लेकिन इसका पहले जैसा स्वभाव अब नहीं रहा।
• मानसून सीजन की ही बात करें सतझड़ (सात दिन तक लगातार रिमङिाम बारिश) अब बीते दौर की बात हो चली है। इसकी जगह कम समय में मूसलाधार बारिश ने ले ली है। यही नहीं, कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ सरीखे हालात पैदा हो रहे हैं।
• विशेषज्ञों के मुताबिक ग्लोबल वार्मिग के असर के फलस्वरूप यह स्थिति पैदा हुई है। यदि इस दिशा में गंभीरता से प्रयास नहीं हुए तो वर्षा चक्र में बदलाव की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
• थोड़ा पीछे मुड़कर देखें तो दो दशक पहले तक मानसून सीजन में हफ्तेभर तक बारिश की झड़ी लगी रहती थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक सतझड़ के दौरान 188 घंटे की संयमित बारिश धरती को तरबतर करने के साथ ही भूजल भंडार को समृद्ध करती थी।
• धीरे-धीरे इसमें कमी आती चली गई और पिछले चार-पांच सालों के दरम्यान तो तीन दिन तक रहने वाली वर्षा की झड़ी भी गायब हो चली।
• आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो वर्षभर में उत्तराखंड में 1580.8 मिमी बारिश होती है, जिसमें मानसून सीजन (जून से सितंबर तक) का योगदान 1229.2 मिमी है। प्रतिवर्ष औसतन यह बारिश राज्य को मिल रही है, लेकिन इसके पैटर्न में बदलाव आया है। झड़ी के स्थान पर कम समय में अधिक बारिश हो रही है।
• जाहिर है, इससे दिक्कतें भी बढ़ी हैं।1इससे विशेषज्ञ भी खासे चिंतित हैं। मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह का मानना है कि वर्षा के पैटर्न में बदलाव की वजह ग्लोबल वॉर्मिग है।
• नेचुरल रिसोर्स डाटा मैनेजमेंट इन उत्तराखंड के निदेशक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो.जेएस रावत के मुताबिक जो बारिश हो रही है, उसकी तीव्रता 10 से 15 फीसद अधिक हो गई है।
• उनका कहना है इस चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक तापवृद्धि व जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों खासतौर पर मानवजनित कारकों पर अंकुश लगा प्रकृति के अनुरूप आचरण करना होगा। तभी वर्षा का बिगड़ता मिजाज संतुलित व समयबद्ध हो सकता है।
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