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भारतीय संविधान के रोचक तथ्य
क्या आप जानते हैं भारतीय संविधान पूर्ण रूप से हस्त लिखित है, इसे श्री श्याम बिहारी रायजादा ने लिखा था और इसके हर पन्ने को बहुत खूबसूरती से सजाया गया था। पन्नों की सजावट शांतिनिकेतन के कलाकारों के द्वारा की गयी थी।
संविधान की मूल प्रति को आज भी हीलियम के अंदर डाल के भारतीय संसद की लाइब्रेरी में रखा गया है।
संविधान के 22 भाग हैं जिनमे 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। भारतीय संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का वक़्त लगा था।
संविधान को पारित करने से पहले इस पर चर्चा की गयी थी जिसमे 2000 बदलाव किये गए थे।
भारत का संविधान 26 नवंबर को तैयार कर लिया गया था मगर तत्कालीन सरकार के द्वारा इसे 26 जनवरी 1950 को लागू करवाया गया था। संविधान पारित होने के बाद सभी 284 संसद सदस्यों से इस पर हस्ताक्षर लिए गए जिनमे 15 महिला सदस्य भी शामिल हैं।
भारतीय संविधान को कई संविधानों का मिश्रण कहा जाता है क्योँकि इसमें कई संविधानों के द्वारा मदद ली गयी थी।
पांच वर्षीय योजना को रूस के संविधान से लिया गया था और मौलिक अधिकारों को अमेरिका के संविधान से लिया गया था।
समानता , एकाधिकार और कई ऐसे अन्य अधिकार फ्रेंच रेवोलुशन से लिए गए थे। यह सारे अधिकार आज के सन्दर्भ में भी अतिमहत्वपूर्ण हैं।
संविधान के शुरुआती शब्द अमेरिका के संविधान से प्रेरित हैं जिनका उल्लेख आज भी देखने को मिल जाता है।
किसी भी नागरिक के मूलभूत अधिकार भी अमेरिकी संविधान से प्रेरित हैं।
भारतीय सरकार द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार जैसे कि भारत रत्न, पद्म भूषण, कीति चक्र आदि गणतंत्र दिवस के दिन ही दिए जाते हैं।
भारतीय संविधान में ऐसा नियम है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री देश को संबोधित (संबोधन) करेंगे।

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