गिद्ध संरक्षण परियोजना
हरियाणा वन विभाग तथा बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के बीच 2006 में एक समझौता हुआ जिसमें गिद्धों के संरक्षण का लक्ष्य रखा गया
एशिया से समाप्त हो रहे गिद्धों के संरक्षण के लिए सेव कार्यक्रम चलाया गया
गिद्धों की मृत्यु का कारण डाईक्लोफेनाक है यह दवा गिद्धों की किडनियों को दुष्प्रभावित करता है
डाईक्लोफेनाक के विकल्प के रूप में प्रयुक्त होने वाली दवा- मेलोक्सीकम
गिद्ध संरक्षण परियोजना की शुरुआत की गई है
1. जूनागढ़
2. भोपाल
3. हैदराबाद तथा
4. भुवनेश्वर में
असम के धरमपुर में देश का पहला गिद्ध प्रजनन केंद्र खोला गया है
भारत में गिद्धों की कम होती संख्या को सर्वप्रथम राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में मापा गया
हंगुल परियोजना
1. हंगुल रेंडियर प्रजाति का एक हिरण है
2. वर्तमान में यह केवल कश्मीर के दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में ही पाया जाता है
3. इसे कश्मीरी स्टैग भी कहते हैं
4. यह जम्मू कश्मीर का राजकीय पशु है
5. जम्मू कश्मीर सरकार ने IUCN तथा WWF के साथ मिलकर प्रोजेक्ट हंगुल शुरू किया
हरियाणा वन विभाग तथा बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के बीच 2006 में एक समझौता हुआ जिसमें गिद्धों के संरक्षण का लक्ष्य रखा गया
एशिया से समाप्त हो रहे गिद्धों के संरक्षण के लिए सेव कार्यक्रम चलाया गया
गिद्धों की मृत्यु का कारण डाईक्लोफेनाक है यह दवा गिद्धों की किडनियों को दुष्प्रभावित करता है
डाईक्लोफेनाक के विकल्प के रूप में प्रयुक्त होने वाली दवा- मेलोक्सीकम
गिद्ध संरक्षण परियोजना की शुरुआत की गई है
1. जूनागढ़
2. भोपाल
3. हैदराबाद तथा
4. भुवनेश्वर में
असम के धरमपुर में देश का पहला गिद्ध प्रजनन केंद्र खोला गया है
भारत में गिद्धों की कम होती संख्या को सर्वप्रथम राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में मापा गया
हंगुल परियोजना
1. हंगुल रेंडियर प्रजाति का एक हिरण है
2. वर्तमान में यह केवल कश्मीर के दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में ही पाया जाता है
3. इसे कश्मीरी स्टैग भी कहते हैं
4. यह जम्मू कश्मीर का राजकीय पशु है
5. जम्मू कश्मीर सरकार ने IUCN तथा WWF के साथ मिलकर प्रोजेक्ट हंगुल शुरू किया
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