प्रशांतचंद्र महालनोबीस प्रथम भारतीय थे जिन्होंने सांख्यिकी में विश्व में अपनी पहचान बनाई। वह भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता के संस्थापक और भारत में सांख्यिकी आंदोलन के जन्मदाता भी माने जाते हैं। उन्होंने नदियों में बाढ़ का आकलन सांख्यिकी की सहायता से किया और सांख्यिकी को अनेक समस्याओं को दूर करने का माध्यम बनाया। हीराकुंड बांध व दामोदार घाटी परियोजना को उन्होंने सांख्यिकी की मदद से व्यवहारिक रूप दिया। उनके प्रयासो से ही भारत के अनेक विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में सांख्यिकी को एक अलग विषय में रूप में पढ़ाये जाने की शुरुआत हुई। भारत की दूसरी पंचवर्षीय योजना महालनोबीस मॉडल पर ही आधारित थी। आर्थिक योजना तथा सांख्यिकीय विकास के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये प्रतिवर्ष उनके जन्म दिवस 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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